आर्य

आर्य को श्रेष्ठ पुरुष भी कहा जाता है।

परमात्मा (समता) प्राप्ति ही जिस मनुष्य का उद्धेश्य हो और उस उद्धेश्य की पूर्ति के लिये यथावत आचरण हो, उस पुरुष को आर्य कहते है।

धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष

धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थ है। यह चार पुरुषार्थ को करना ही मनुष्य जीवन का उदेश्य है। उद्देश्य इसलिये है क्योंकि इन चार पुरुषार्थ को करने से ही मनुष्य का कल्याण है। धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, का अर्थ क्या है? यह पुरुषार्थ करने से मनुष्य का कल्याण किस प्रकार है? धर्म धर्म का अर्थ है कर्तव्य। श्रीमद […]

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अध्याय