गुण

विभिन्न अनुपातों में – सत्त्व, रज और तम – इन तीन गुणों के संयोग से प्राणियों का निर्माण हुआ है। अन्तःकरण (मन और बुद्धि) इन तीन गुणों का ही कार्य है। ज्ञान, क्रिया और निष्क्रियता ये क्रमश सत्त्व, रज और तमोगुण के लक्षण हैं।

धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष

धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थ है। यह चार पुरुषार्थ को करना ही मनुष्य जीवन का उदेश्य है। उद्देश्य इसलिये है क्योंकि इन चार पुरुषार्थ को करने से ही मनुष्य का कल्याण है। धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, का अर्थ क्या है? यह पुरुषार्थ करने से मनुष्य का कल्याण किस प्रकार है? धर्म धर्म का अर्थ है कर्तव्य। श्रीमद […]

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अध्याय