बुद्धियोग

बुद्धि में समता को स्थित करने की जो प्रक्रिया, साधना है, उस प्रक्रिया का होना बुद्धियोग है।

योग साधना में बुद्धि (अन्तःकरण) में स्थित वृत्तियाँ पर निरोध लगता है बुद्धि में समता स्थित होती है। वृत्तियाँ पर निरोध और समता की प्राप्ति, यह दोनों कार्य बुद्धि से सम्बन्धित है, इसलिये योग को बुद्धियोग भी कहते है।

 

श्रीमद् भगवद् गीता में बुद्धियोग सम्बंधित वर्णन।

अध्याय २ श्लोक ३९ में बुद्धियोग पद आया है।

धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष

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